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पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट करने वाले दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। एक फोरेंसिक साइंस से ग्रेजुएशन है, तो दूसरा पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहा है।

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लग्जरी कार, ब्रांडेड कपड़े और घड़ियां…इस रईसी के पीछे की ऐसी हकीकत, जानकर ठनक गया पुलिस का माथा

सीबीआई, ट्राई और ईडी का अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने वाले गैंग के दो अपराधियों को साइबर थाने की टीम ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने जूता कारोबारी की पत्नी को जनवरी में मनी लाड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट किया था। उनसे 2.80 लाख रुपये हड़प लिए थे।

पकड़े गए आरोपियों में एक फोरेंसिक साइंस से ग्रेजुएशन तो दूसरा पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहा है। गैंग सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है। उनके तार कंबोडिया और वियतनाम से जुड़े हुए हैं। आरोपी क्रिप्टोकरेंसी से विदेशों में भुगतान करते हैं।

पुलिस ने बताया कि 16 जनवरी को मऊ रोड, खंदारी की रहने वाली निजहत खातून के पास इंटरनेशनल नंबर से वीडियो कॉल आई थी। इसमें साइबर क्रिमिनल ने खुद को बांद्रा, मुंबई का पुलिस अधिकारी बताकर मनी लाड्रिंग और नशीले पदार्थों की तस्करी के केस में फंसाने की धमकी देकर कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा था। इस दौरान साइबर अपराधियों ने उनके खातों से 2.80 लाख की रकम ट्रांसफर करवाई थी। साइबर पुलिस ने 20 जनवरी को केस दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी।

 

मोबाइल नंबर और बैंक के विवरण की जानकारी करने के बाद पुलिस टीम ने राजस्थान के भीलवाड़ा में मकरेड़ी गांव निवासी अभिषेक धाकड़ और उसके साथी झालामंड, भगत की कोठी, जोधपुर के प्रतीक गौड़ को गिरफ्तार किया। उनके पास से दो मोबाइल फोन, तीन आधार कार्ड, दो पैनकार्ड, छह डेबिट कार्ड, बैंक की चेकबुक आदि मिली।

 

 

कंबोडिया व वियतनाम में हैं कॉल सेंटर

आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह एटीएम की मदद से रकम निकालकर दो युवकों को देते थे। वे क्रिप्टोकरेंसी में विदेश में बैठे साथियों को देते थे। आरोपी कंबोडिया और वियतनाम के लोगों से संपर्क करके अपने साथियों के साथ साइबर ठगी करते हैं। इसके लिए पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, ट्राई, सीबीआई और ईडी के अधिकारी बनकर जाल में फंसाते हैं। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को डिजिटल अरेस्ट करते हैं। व्हाट्सएप व टेलीग्राम पर वीडियो कॉल करके धमकाते हैं। पीड़ितों से रकम यूपीआई, आरटीजीएस से खातों में ट्रांसफर करवाते हैं। इसके बाद रकम को एटीएम और चेकबुक से निकाल लेते हैं।

 

 

विदेशी गिरोहों को भेजते हैं कमीशन

पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि इन लोगों के तार कंबोडिया, वियतनाम व साउथ एशिया के अन्य देशों से भी जुड़े हैं। ये लोग वीडियो कॉलिंग और मदद करने के बदले में विदेश में बैठे साइबर क्रिमिनल को उनके कमीशन का भुगतान क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से करते हैं। इनके अंतरराष्ट्रीय गैंग से तार के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है।

 

 

लाइफ स्टाइल से धनी वर्ग के युवाओं को बनाते हैं निशाना

पुलिस ने बताया कि आरोपी कीमती घड़ियां, ब्रांडेड कपड़े और जूते व चश्मे पहनकर आलीशान कारों में घूमते हैं। उनके लाइफ स्टाइल से युवा आकर्षित होते हैं। वह इसी का फायदा उठाते हैं। अच्छे परिवारों के युवाओं से संपर्क बनाकर उन्हें और उनके दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शिकार बना लेते हैं।

 

आरोपी….पुलिस खंगाल रही कनेक्शन

साइबर ठगी करने वालों में एक आरोपी प्रतीक भगत की कोठी का रहने वाला है। भगत की कोठी सीमावर्ती गांव है। यहां से कुछ दूरी पर पाकिस्तान की सीमा लगती है। यहां रेलवे इंजनों का भी लोको शेड है। इस कारण भी यह स्टेशन चर्चित रहा है। चूंकि आरोपी प्रतीक के तार कनाडा, सऊदी अरब सहित कई देशों के लोगों से जुड़े हैं तो पुलिस पाकिस्तान से कनेक्शन भी खंगाल रही है। इस गिरोह के अन्य लोगों की तलाश भी पुलिस को है। क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन के बारे में भी जानकारी की जा रही है। एक टीम को विदेशी मुद्रा का लेनदेन करने वालों की तहकीकात करने के लिए राजस्थान भी भेजा गया है।

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